सोमवार, 30 अगस्त 2010

भारतीय जनता पार्टी में विलय चाहते हैं सुब्रमण्यम स्वामी

ग्वालियर।
जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. सुब्रमण्यम स्वामी भारतीय जनता पार्टी में विलय चाहते हैं। संघ भी इसको लेकर प्रयास कर चुका है। लेकिन बीजेपी के अंदर राष्ट्रीय नेता इस मसले पर एकमत नहीं हैं। रविवार को डा. स्वामी चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी द्वारा आयोजित विमर्श कार्यक्रम में भाग लेने ग्वालियर आए थे। इस अवसर पर डा. स्वामी ने भास्कर के साथ विशेष मुलाकात की। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश...........

- वर्तमान में देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती किसे मानते हैं?
- तालिबान धीरे-धीरे पाकिस्तान पर हावी होता जा रहा है। तालिबान पाक में बड़े हिस्से पर निर्णायक भूमिका में आ गया है। वर्तमान यूपीए सरकार इसको अनदेखा कर रही है। पाकिस्तान के साथ चीनी गठजोड़ भारत के लिए दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है, इसे गठजोड़ जल्द तोडऩा होगा। पाकिस्तान को भारत के खिलाफ अमेरिका से ज्यादा चीन शह देता है।
- तालिबान को आप इतना बड़ा खतरा क्यों मानते हैं?
- यह पाक के नौजवानों को भारत विरोधी पट्टी पढ़ा रहा है। तालिबान, भारत को इस्लामी इतिहास का अधूरा संघर्ष प्रचारित करता है। तालिबानी थिंकर कहते हैं कि इस्लाम ने 15 साल में ईरान, 21 साल में इजिप्ट और 17 साल में ईराक (बोल्बियो) को दारुल इस्लाम में बदल दिया। लेकिन हिंदुस्तान का 800 साल बाद भी सिर्फ एक तिहाई हिस्सा ही ले पाया है। यह नफरत भरी सोच ही आतंकवाद का मुख्य कारण है।
- कॉमनवेल्थ खेलों में उजागर हुए भ्रष्टाचार को कैसे देखते हैं?
- कॉमनवेल्थ में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार राहुल गांधी ने किया है, कॉमनवैल्थ में राहुल गांधी को भारी रिश्वत दी गई है। तमाम आरोपों के बावजूद सुरेश कलमाड़ी को नहीं हटाया गया क्योंकि उसने राहुल गांधी को पैसा बनाने का मौका दिया। अब मामले पर पर्दा डाला जा रहा है। राहुल गांधी के लंदन, दुबई और मालदीव के बैंक एकाउंट्स में रिश्वत की राशि जमा की गई है। हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं जल्द ही इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे।
- एक ओर देशवासी राहुल गांधी में भावी प्रधानमंत्री की छवि देख रहे हैं और ये भ्रष्टाचार के आरोप?
- राहुल गांधी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। जब राहुल लंदन में थे तब वे इटली के पासपोर्ट का उपयोग करते थे, इटली के कानून के मुताबिक किसी भी इटालियन मां की संतान को वहां की नागरिकता स्वत: मिल जाती है। भारतीय संविधान के मुताबिक दोहरी नागरिकता वाला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। यही कारण है कि सोनिया गांधी 2004 में प्रधानमंत्री नहीं बन सकी थीं, ये अलग बात है कि इसे त्याग का रूप देकर प्रचारित किया गया। तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने संविधान के नियमों से परे जाकर सोनिया गांधी को शपथ दिलाने से साफ इनकार कर दिया था।
- भोपाल गैस त्रासदी में एंडरसन को बचाने के मामले में आरोप प्रत्यारोप हो रहे हैं? हाल ही में अर्जुन सिंह का बयान आया...
- एंडरसन को बचाने में पूरी तरह केवल और केवल अर्जुन सिंह जिम्मेदार है। अर्जुन सिंह कभी राजीव गांधी तो कभी नरसिम्हाराव को दोषी ठहराते हैं। सिंह जनता को यह क्यों नहीं बताते कि यूनियन कार्बाइड ने उनकी चिटफंड कंपनी ‘चुरहट लॉटरी ट्रस्ट’ को कितना डोनेशन दिया? अर्जुन सिंह ने स्वयं राजीव को गलत जानकारी देकर एंडरसन को सरकारी गाड़ी में बिठाकर भगाया। अर्जुन सिंह की कथनी और करनी में कोई साम्य नहीं है। मुआवजा निर्धारण में भी मोटी रिश्वत खाई गई है। एंडरसन से गैस पीडि़तों के लिए 400 करोड़ डालर मुआवजा मांगा गया था जो सिर्फ 4 करोड़ में कैसे बदल गया। इटली के एक वकील और क्वात्रोची की भी इसमें भूमिका थी, इसकी नए सिरे से जांच होनी चाहिए।
-क्या इस हादसे को रोका जा सकता था?
- बिलकुल, इंजीनियर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में महीनों से हल्का-हल्का गैस रिसाव चल रहा था। एंडरसन खुद भी निरीक्षण करने भोपाल आया था। इसे अवॉइड किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप भयावह हादसा हुआ।
-इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर आपने सवाल उठाया है?
-ईवीएम में आसानी से गड़बडिय़ां की जा सकती हैं। 2009 लोकसभा चुनाव में कई मशीनों में किसी एक उम्मीदवार के नाम ही 90 फीसदी से अधिक वोट निकले। बैलेट पेपर प्रणाली में सिर्फ फुटकर हेराफेरी होती थी ईवीएम से तो थोक में वोटों की हेराफेरी की गई। जापान भारत के लिए ईवीएम बना रहा है और स्वयं अपने यहां इसका उपयोग बंद कर चुका है।
- सांसद का वेतन 300 फीसदी बढ़ाया जा चुका है इसके बावजूद वेतन बढ़ाने की मांग क्या उचित है?
- यदि सांसदों का वेतन बढ़ाने से ईमानदार और पढ़े-लिखे लोग कॅरियर के रूप में राजनीति में आते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। सरकार का तर्क है कि इससे भ्रष्टाचार कम होगा। लेकिन ऐसा लगता नहीं है। ईमानदार सांसदों को जरूर इससे कुछ फायदा होगा।

रविवार, 7 मार्च 2010

अनपेक्षः: गंदगी का शिकार हुआ बैजाताल

अनपेक्षः: गंदगी का शिकार हुआ बैजाताल

गंदगी का शिकार हुआ बैजाताल

अपने तैरते मंच के लिए मशहूर मोतीमहल स्थित बैजाताल पर फिर से बदहाली के बादल छाने लगे हैं। यह स्थल गंदगी का शिकार है। कुछ ही दिन पूर्व हुए ग्वालियर हेरिटेज महोत्वस के दौरान बैजाताल में पानी भरा गया था। अब इसमें पानी में कीचड़ जमा हो गई है, पतछड़ के कारण आसपास के पेड़ों से गिरे हुए पत्तों का ढ़ेर जमा हो रहा है। वहीं तफरी के लिए आने वाले प्रेमी युगल खाने पीने के पैकेट और दूसरी चीजें यहां फेंकजाते हैं जिससे गंदगी और बढ़ती जा रही है। तालाब में भरी कीचड़ में कीड़े पडऩे लगे है जो गौरेय्याओं को भोजन उपलब्ध करा रहे है।
कुछ ही दिन पहले ग्वालियर हेरिटेज महोत्सव के दौरान बैजाताल की दुल्हन की तरह सजाया गया था। पिछले साल हुए हेरिटेज महोत्सव के दौरान बैजाताल के जीर्णोद्वार पर लाखों रुपए खर्च कर मूल स्वरूप में लाया गया था। इस साल भी तालाब की रंगाई पुताई पर भारी खर्च िकया गया। महोत्सव खत्म होते ही बैजाताल के दुर्दिन फिर शुरू हो गए है। शहरभर की सफाई का जिम्मा संभालने वाला निगम दफ्तर भी बैजाताल से कुछ ही कदमों की दूरी पर है। बावजूद इसके बैजाताल की सफाई व्यवस्था पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
शहर में आने वाले पर्यटक भी बैजाताल पहुंचते है। ऐतिहासिक स्थलों की दुव्र्यवस्था से सैलानियों के मन में शहर छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पिछले दिनों दैनिक भास्कर ने एक खबर प्रकशित कर सांसद यशोधरा राजे की फेसबुक एकाउंट पर शहर को बेहतर बनाने के सुझाव दिए थे। कई सारे सुझाव ग्वालियर के ऐतिहासिक वैभव और ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने को लेकर सामने आये थे। शायद सांसद महोदय को शहरवासियों के सुझावों से चुनाव के समय ही सरोकार था।